वास्तु शास्त्र में वास्तु पुरुष मंडल घर निर्माण की नींव माना जाता है। यह एक ऊर्जा मानचित्र (Energy Grid) है, जिसके अनुसार भवन की प्लानिंग की जाती है ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन बना रहे।
✅ Vastu Purush Mandala क्या है?
यह एक ज्यामितीय आरेख है जिसमें 8 दिशाएँ और 32 उप-दिशाएँ होती हैं। इसमें 45 देव शक्तियों का स्थान माना गया है जो जीवन के हर क्षेत्र – स्वास्थ्य, धन, संबंध और सुख–समृद्धि को प्रभावित करती हैं।
✅ दिशाएँ और उनका महत्व
दिशा देवता प्रभाव
उत्तर-पूर्व (ईशान) शिव आध्यात्मिक ऊर्जा
पूर्व सूर्य स्वास्थ्य
दक्षिण-पूर्व अग्नि रसोई, ऊर्जा
दक्षिण यम स्थिरता
दक्षिण-पश्चिम नैऋत्य परिवार और सुरक्षा
पश्चिम वरुण लाभ
उत्तर-पश्चिम वायु संबंध
उत्तर कुबेर धन
✅ घर में उपयोग
वास्तु पुरुष मंडल के अनुसार घर की प्लानिंग इस प्रकार की जाती है:
पूजा कक्ष – उत्तर-पूर्व
रसोई – दक्षिण-पूर्व
मास्टर बेडरूम – दक्षिण-पश्चिम
मुख्य दरवाज़ा – उत्तर या पूर्व
पानी का स्रोत – उत्तर या ईशान
सीढ़ियाँ – दक्षिण या पश्चिम
✅ क्यों ज़रूरी है?
✔ ऊर्जा संतुलन
✔ धन और समृद्धि
✔ स्वास्थ्य में सुधार
✔ सकारात्मक वातावरण
✔ परिवार में शांति
निष्कर्ष:
वास्तु पुरुष मंडल घर को सिर्फ बनाने की तकनीक नहीं सिखाता, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और विकास लाने वाला ऊर्जा विज्ञान है। सही वास्तु लेआउट घर में सुख-समृद्धि लाता है।
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