घर केवल ईंट-पत्थरों से बनी चार दीवारें नहीं होता, यह हमारी ऊर्जा, भावनाओं और जीवनशैली का प्रतिबिंब होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के प्रत्येक कमरे का सही स्थान हमारे सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि से गहराई से जुड़ा हुआ है।
🏡 सही आवंटन क्यों है ज़रूरी?
अगर कमरों का निर्माण और उपयोग वास्तु सिद्धांतों के अनुसार हो, तो सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह पूरे घर में बना रहता है। इसके विपरीत गलत दिशा या गलत आवंटन से तनाव, बीमारियां और आर्थिक समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।
🔑 वास्तु अनुसार कमरों का सही स्थान
- शयनकक्ष (Bedroom)
- आदर्श स्थान: दक्षिण-पश्चिम दिशा
- लाभ: स्थिरता, शांति और गहरी नींद
- रसोईघर (Kitchen)
- आदर्श स्थान: दक्षिण-पूर्व दिशा (अग्नि कोण)
- लाभ: परिवार में ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि
- बैठक कक्ष (Living Room)
- आदर्श स्थान: उत्तर-पूर्व या उत्तर दिशा
- लाभ: सकारात्मक माहौल, मेहमानों का स्वागत और खुशहाली
- पूजा घर (Pooja Room)
- आदर्श स्थान: उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण)
- लाभ: आध्यात्मिक ऊर्जा, शांति और सौभाग्य
- बच्चों का कमरा (Children’s Room)
- आदर्श स्थान: पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा
- लाभ: बच्चों में एकाग्रता और प्रगति
- अध्ययन कक्ष (Study Room)
- आदर्श स्थान: उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा
- लाभ: ज्ञान, शिक्षा और सफलता में वृद्धि
🌸 निष्कर्ष
कमरों का सही आवंटन न केवल घर की सुंदरता बढ़ाता है, बल्कि घर के हर सदस्य के जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य भी लाता है। इसलिए अपने घर की योजना बनाते समय वास्तु शास्त्र को अवश्य ध्यान में रखें।
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