आधुनिक जीवनशैली और तेजी से बदलते शहरी परिदृश्य में घर और ऑफिस के डिज़ाइन कई बार अनियमित (Irregular) हो जाते हैं। कभी प्लॉट का आकार त्रिकोणीय या गोल होता है, तो कभी मकान के हिस्से कटे-बढ़े बन जाते हैं। ऐसे में वास्तु दोष स्वाभाविक रूप से उत्पन्न होते हैं, जो जीवन में असंतुलन, मानसिक तनाव और तरक्की में बाधा पैदा कर सकते हैं।
अनियमित स्थानों से उत्पन्न समस्याएँ
- मानसिक अशांति और चिड़चिड़ापन
- स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ
- आर्थिक नुकसान और व्यवसाय में रुकावट
- रिश्तों में खटास और असामंजस्य
- प्रगति में रुकावट या अवसरों का छूट जाना
वास्तु में समाधान
वास्तु शास्त्र में हर समस्या का सरल और व्यावहारिक उपाय है। कटे-बढ़े हिस्सों को संतुलित करने के लिए वास्तु विशेषज्ञ ऊर्जा संतुलन तकनीक और दिशा अनुसार उपाय सुझाते हैं।
कुछ प्रमुख उपाय:
- ऊर्जा का प्रवाह संतुलित करना – विशेष वास्तु उपकरण और यंत्रों का प्रयोग।
- दिशाओं का सामंजस्य – उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम की ऊर्जा को सम करने के उपाय।
- सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय करना – विशेष रंग, धातु और क्रिस्टल का प्रयोग।
- अनियमित हिस्सों का समन्वय – कटे या बढ़े हिस्सों को वास्तु अनुसार ठीक करना।
क्यों ज़रूरी है वास्तु संतुलन?
घर या ऑफिस में वास्तु संतुलन केवल ऊर्जा का प्रवाह ही नहीं सुधारता, बल्कि:
- स्वास्थ्य और शांति बढ़ाता है
- रिश्तों को मधुर बनाता है
- धन और अवसर आकर्षित करता है
- सकारात्मक सोच और प्रगति को प्रोत्साहित करता है
विशेषज्ञ से सलाह लें
हर प्लॉट या भवन अलग होता है और हर अनियमितता का समाधान भी अलग। इसलिए सही निवारण के लिए वास्तु विशेषज्ञ की सलाह ज़रूरी है।
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