वास्तु पुरुष मंडल – दिशा, ऊर्जा और संतुलन का अद्भुत संगम

वास्तु शास्त्र प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली है जो हमारे जीवन को दिशा, ऊर्जा और प्रकृति के तत्वों के साथ जोड़ता है। इसका सबसे महत्वपूर्ण आधार है वास्तु पुरुष मंडल, जिसे ब्रह्मांडीय ऊर्जा का नक्शा भी कहा जाता है।

वास्तु पुरुष मंडल क्या है?

वास्तु पुरुष मंडल एक ऊर्जा ग्रिड है, जिसमें ब्रह्मांडीय शक्तियों, दिशाओं और देवताओं की स्थिति निर्धारित की गई है। यह मंडल एक चौकोर आरेख होता है, जिसमें विभिन्न देवताओं और ऊर्जाओं का स्थान तय होता है। प्रत्येक दिशा विशेष ऊर्जा और परिणाम देती है, इसलिए घर या भवन का निर्माण इस मंडल को ध्यान में रखकर किया जाता है।

दिशा और ऊर्जा का महत्व

  1. उत्तर-पूर्व (ईशान) – आध्यात्मिक ऊर्जा, ज्ञान और शांति का स्थान।
  2. दक्षिण-पूर्व (अग्नेय) – अग्नि तत्व का क्षेत्र, रसोई या ऊर्जा केंद्र के लिए उपयुक्त।
  3. दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) – स्थिरता और मजबूती का स्थान, घर के मुखिया के लिए श्रेष्ठ।
  4. उत्तर-पश्चिम (वायव्य) – वायु तत्व का क्षेत्र, संबंधों और संचार का प्रतिनिधित्व करता है।
  5. मध्य भाग (ब्रह्मस्थान) – यह सबसे शक्तिशाली ऊर्जा केंद्र है, जिसे हमेशा खुला और स्वच्छ रखना चाहिए।

वास्तु पुरुष मंडल से लाभ

✔️ घर और जीवन में ऊर्जा संतुलन बनाए रखता है।
✔️ सकारात्मक वातावरण और समृद्धि लाता है।
✔️ स्वास्थ्य, धन और संबंधों में सुधार करता है।
✔️ मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित करता है।

निष्कर्ष

वास्तु पुरुष मंडल केवल एक आरेख नहीं है, बल्कि यह जीवन को प्रकृति के नियमों और ब्रह्मांडीय शक्तियों के साथ संतुलित करने का विज्ञान है। जब हम अपने घर या कार्यस्थल को इस मंडल के अनुसार बनाते हैं, तो वहां रहने वाले हर व्यक्ति के जीवन में सफलता और सुख-समृद्धि का मार्ग खुलता है।


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